Gujrat Crime in hindi

Crime 


Gujrat Crime in hindi 





9 October 2023

अपने ही साथ लिविंग में रहने वाली को जलाकर मार

 डाला



Paragraph 

सूटकेस में एक युवती की लाश निकाली लेकिन वहां मौजूद लोगों में से कोई भी लाश की पहचान नहीं कर पा रहा था कि यह यहीं आसपास के रहने वाली है या कहीं दूर की रहने वाली है करने वाले की उम्र 24 या 25 साल लग रही थी.

गुजरात 

गुजरात के शहर राजकोट के बाहर ग्रामीण इलाके में गांव पदधारी के पास एक जमीन बंजर पड़ी थी इस जमीन पर घास के अलावा और कुछ नहीं होता इसलिए उधर लोग काम आते जाते थे केवल जानवर चराने वाले दोपहर के बाद अपने जानवर ले जाकर चराते थे.

9 अक्टूबर 2023 की दोपहर के बाद जब कुछ लोग अपने जानवर उसे सुनसान बंजर जमीन पर चराने के लिए ले गए तो उन्हें वहां एक दजला सूटकेस दिखाई दिया उन लोगों ने इस बात की सूचना गांव के सरपंच को दी कुछ ही देर में गांव के कई लोगों के साथ सरपंच घटनास्थल पर पहुंचे सभी को मामला गड़बड़ लगा.

घटनास्थल की जांच 

सरपंच ने तुरंत इसकी सूचना क्षेत्रीय थाना पदधारी में दी सरपंच की सूचना पर ही थाना के सपा जिला अधिकारी सहयोगियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे घटनास्थल पर काफी लोग जमाते हैं जिस स्थिति में लाश मिली थी साफ था कि यह हत्या कर लाश ठिकाने लगाई गई है लाश की पहचान जरूरी थी इसलिए पुलिस ने आसपास के इलाके की छानबीन शुरू कर दी जिससे लाश की पहचान हो जाए. 

https://www.crimestalk.com/2025/09/gujrat-crime-in-hindi.html

गाडी के टायर के निशान 
काफी कोशिशें के बाद भी वहां कोई ऐसी चीज नहीं मिली जिससे लाश के बारे में कुछ पता चला सिर्फ एक गाड़ी के टायरों के निशान जरूर दिखाई दिए वह निशान भी थोड़े अलग थे वह निशान किसी बड़ी गाड़ी के दिख रहे थे क्योंकि वह निशान चौड़े टायरों के थे एस एच ओ ने फोटोग्राफर के साथ-सा द फॉरेंसिक टीम को भी बुला लिया था घटना की सारी कार्रवाई करने के बाद पुलिस ने सूटकेस जप्त कर लास्ट पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दी थाने लौटकर एस पी जी ने पूरे स्टाफ को बुलाकर कहा सबसे पहले तो यह पता लगाओ कि आसपास के किसी गांव की इस उम्र की कोई लड़की गायब तो नहीं हुई इसके बाद यह पता करो कि जिले के किसी थाने में इस तरह की लड़की की गुमशुदगी तो नहीं दर्ज कराई गई क्योंकि लाश की जो हालत थी उससे साफ लग रहा था कि उसे लड़की की हत्या कम से कम तीन दिन पहले हुई थी.
पुलिस छानबीन करती रही
पुलिस अपने सूत्रों से यह पता लगाने में जुड़ गई की लास्ट वाली लड़की कौन हो सकती है आसपास के ही नहीं पूरे राजकोट के सभी थानों में पता किया गया कि किसी थाने में 24 25 साल की लड़की की गुमशुदगी तो नहीं दर्ज कराई गई है किसी भी थाने में कोई भी लकड़ी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं थी कहीं किसी से कुछ पता नहीं चल पा रहा था जब जिले के किसी थाने से कोई जानकारी नहीं मिली तो पुलिस अगल-बगल के जिलों से पता करने लगी इसमें भी उन्हें निराशा ही मिली अब क्या किया जाए सहयोगियों के साथ सलाह मशवरा किया क्योंकि बिना शिनाख्त के हथियारे तक पहुंचना नामुमकिन था.


जले सूटकेस से मुजरिम की पहचान 

एस एच ओ ने सूटकेस मंगवाया जिसमें रखकर लाश जलाई गई थी उन्होंने उसे अधजले सूटकेस को उलट पलट कर देखा तो उसमें उसके ब्रांड का नाम मिल गया यानी यह पता चल गया कि वह सूटकेस किस कंपनी का है यह पता चलते ही सो ने ड्राइवर से थाने की जीप निकलवाई और दो सिपाहियों को साथ लेकर शहर में उसे ब्रांड के सूटकेस के जितने भी शोरूम थे सभी पर जा पहुंचे लास्ट 9 अक्टूबर को मिली थी

.पोस्टमार्टम रिपोर्ट 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला था की हत्या 6 अक्टूबर को की गई थी इसीलिए पहले अक्टूबर 2023 से लेकर 8 अक्टूबर 2023 तक उसे ब्रांड के उसे साइज के जितने भी सूटकेस बाइक थे शोरूम में उन्हें खरीदने वालों के नाम पता और फोन नंबर प्राप्त किए गए पता चला कि इस बीच उसे तरह के कुल 27 सूटकेस बाइक थे दरअसल यह ब्रांड सूटकेस था और इसकी वारंटी होती है इसीलिए वापसी का चक्कर रहता है यही वजह थी कि इसे खरीदने वाला ग्राहक बिल में अपना पूरा नाम पता और फोन नंबर लिखवाता है यह सब करते-करते एक महीने का समय निकल गया था यानी नवंबर महीना चल रहा था

थाने जाकर एस एच ओ ने उसे बीच उसे ब्रांड के सूटकेस खरीदने वाले एक-एक आदमी को फोन करना शुरू किया अपना परिचय देकर सो उसके द्वारा खरीदे गए सूटकेस के बारे में पूछते तो हर आदमी सूटकेस खरीदने की वजह बताने के साथ-साथ वीडियो कॉल पर सूटकेस भी दिखा देता किसी का सूटकेस किसी रिश्तेदार के यहां होता तो वह अपने रिश्तेदार से बात कर देता अगर किसी से फोन पर बात ना हो पाती ना हो पाती तो पते के मुताबिक पुलिस खुद उसके घर पर पहुंच कर छानबीन करती इसी तरह पुलिस ने 26 सूट के बारे में पता कर लिया जब उन्होंने 27 में आदमी को फोन किया तो वह बहाने बनाने लगा कभी वह कहता कि सूटकेस कोई ले गया है तो कभी कहता कि जो सूटकेस ले गया है अभी देकर नहीं गया जब पुलिस वाले ने पूछताछ की तो पता बताने को तैयार नहीं होता मजबूर होकर पुलिस ने गांधीग्राम इलाके के आत्मन अपार्टमेंट में रहने वाले उसे व्यक्ति मेहुल छोटी लिया के यहां पहुंच गए जब वह अपार्टमेंट पहुंचे तो अपार्टमेंट के नीचे उन्हें एक एसयूवी दिखाई दी इसके टायर उतने ही चौड़े थे जितने चौड़े टायर के निशान घटनास्थल पर मिले थे उसे सव को देखते ही उन्हें लगा कि हो ना हो इसी आदमी ने उसे घटना को अंजाम दिया होगा उसे समय मेहुल चोट लिया घर पर ही था पुलिस ने उस फ्लैट की घंटी बजाई तो उसने दरवाजा खोल दरवाजे पर पुलिस देखकर वह घबरा गया क्योंकि उसके मन में चोर था.

मुजरिम पकडा गया

पुलिस ने उसकी शक्ल देखकर ही अंदाजा लगा लिया कि वह सही ठिकाने पर आ गए हैं उन्होंने आने की वजह बताई तो वह सूटकेस दिखने में पहले ही की तरह बहाने बाजी करता रहा पुलिस को इस पर शक तो था ही इसीलिए उन्होंने उसके फ्लैट की तलाशी ली तो उसके फ्लैट से ऐसी तमाम चीज मिली जिनका उपयोग महिलाएं करती हैं लेकिन जब उससे पूछा गया कि उसके फ्लैट में तो कोई महिला नहीं है उसे समान किसका है तब पुलिस के इस सवाल का उचित जवाब नहीं दे सका तब पुलिस ने उस तरह-तरह के सवाल करने शुरू किया झूठ पर झूठ बोलता रह पुलिस उसे लेकर नीचे आई तो सामने ही उसकी गाड़ी खड़ी थी पुलिस ने उसे गाड़ी के बारे में पूछा तो उसने कहा कि यह गाड़ी उसी की है पुलिस ने उसे गाड़ी के टायर एक बार फिर देख तो वैसे ही थे मुजरिम को थाने पर लाकर पूछता शुरू हुई मुजरिम मानने को तैयार नहीं था कि वह लाश उसी ने जलाई थी वह लगातार झूठ बोलते हुए इस बात से इनकार करता रहा क्योंकि

पुलिस को अब तक काफी सबूत मिल चुके थे इसलिए पुलिस ने भी लगातार उससे पूछता जारी रखी आखिर झूठ बोलते बोलते जब मुजरिम थक गया तो उसने स्वीकार कर लिया कि उसी ने अपने साथ रहने वाली अपनी लविंग पार्टनर आयशा मकवाना की हत्या कर उसकी लाश वहां ले जाकर जलाई थी इसके बाद मुजरिम ने आयशा से प्यार करने से लेकर उसकी हत्या करने लाश ठिकाने लगाने सूटकेस में रखकर जलने तक की सारी कहानी सुना डाली मेहुल राजकोट का ही रहने वाला था होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के बाद उसे राजकोट में ही एक होटल में मैनेजर की नौकरी मिल गई.

 मेहुल थोड़ा आज़ाद ख्याल युवक था इसलिए नौकरी लगने के बाद उसने राजकोट के ही गांधीग्राम इलाके के अपार्टमेंट में एक फ्लैट खरीद लिया था और उसी में अकेला ही रहने लगा था उसे गाड़ी का शौक था इसलिए उसने चौड़े टायर वाली गाड़ी खरीदी आज़ाद ख्याल मेहुल चोट लिया को होटल से अच्छा खासा वेतन मिलता था इसलिए वह मौज से रहता था उसके पास अब सब कुछ था लेकिन कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी.

लविंग पार्टनर आयशा 

मेहुल को गर्लफ्रेंड की कमी बहुत गलती थी उसने इसके लिए प्रयास करना शुरू किया तो एक दिन उस के होटल में उसकी मुलाकात आयशा से हुई 24 साल की आशा अहमदाबाद के रहने वाली थी राजकोट में वह एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करती थी और राजकोट में अकेली ही रहती थी आयशा भी आज़ाद ख्याल थी वह जीवन के सारे सुख भोगने चाहती थी पर जिम्मेदारियां का बोझ नहीं उठाना चाहती थी ऐसे ही हल लगभग मेहुल का भी था इसलिए जब दोनों की मुलाकात हुई तो दोनों के विचार आपस में मिलने की वजह से उन दोनों में दोस्ती हो गई यह दोस्ती जल्दी ही प्यार में बदल गई दोनों ने बिन फेरे हम तेरे बनने का फैसला कर लिया यानी वह लिविंग

रिलेशन में रहने लगे इस तरह साथ रहने को आज की नई पीढ़ी पसंद भी करती है इसमें रहते तो दोनों पति-पत्नी की तरह हैं पर दोनों ही एक दूसरे के प्रति ना तो जिम्मेदार होते हैं और ना ही एक दूसरे का कहना मानते हैं और ना ही एक दूसरे के लिए कुछ करना चाहते हैं सिर्फ मौज मजे के लिए साथ में रहते हैं 6 अक्टूबर 2023 को भी किसी बात को लेकर मेहुल और आशा में लड़ाई हो रही थी तभी गुस्से में आयशा ने मेहुल को एक तमाचा मार दिया एक लड़की होकर आयशा ने एक मर्द को तमाचा मार मार दिया इसलिए मेहुल से यह अपमान बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने गुस्से में आशा का गला इतनी जोर से दबा दिया कि वह मौत के घाट उतार गई गुस्से में मेहुल ने आयशा की हत्या तो कर दी लेकिन अब पकड़े जाने कदर उसे सताने लगा उसे पता था कि अगरपुलिस ने आशा की हत्या के आरोप में उसे पकड़ लिया तो उसकी काफी जिंदगी जेल में कटेगी या 6 अक्टूबर की शाम घटना थी उसने आयशा की लाश को बेड बॉक्स में छुपा दिया और इस बात पर विचार करने लगा कि वह आयशा की लाश को कैसे ठिकाना लगे कि पुलिस उसकी सेनात ना कर सके क्योंकि अब तक वह इतना तो जान चुका था कि जब तक लाश की सनप्त नहीं हो सकेगी तब तक पुलिस उसे तक पहुंच नहीं पाएगी यही सोचते सोचते वह रात भी बीत गई और अगला पूरा दिन भी 8 अक्टूबर को लास्ट से बदबू आने लगी इससे मुजरिम डर गया अगर बदबू बढ़ेगी तो पड़ोसी पुलिस को खबर दे देंगे काफी सोच विचार के बाद उसने एक सूटकेस के शोरूम से एक ट्राली वाला सूटकेस खरीद लिया उसे अंदाजा था किआयशा की लंबाई ज्यादा नहीं है इसलिए उसकी लाश आराम से उसे सूटकेस में आ जाएगी क्योंकि वह शोरूम ब्रांडेड सूटकेस का था इसीलिए बिल बनाते समय उसके नाम पेट के साथ फोन नंबर भी लिखा गया मुजरिम सूटकेस लेकर घर आया और आयशा की लाश बेड बॉक्स से निकालकर उसे सूटकेस में रख ली इसके बाद उसने लिफ्ट से सूटकेस नीचे उतरा और एसयूवी कर में रखकर पास के बाजार गया जहां से उसने लड़कियां खरीदी पेट्रोल पंप से एक बोतल पेट्रोल खरीदा और अपनी गाड़ी शहर से बाहर जाकर लाश को जलाकर ठिकाने लगा दिया.

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