अभिषेक मलिक,बेटे ने लड़की बनने के लिए पूरे परिवार को गोली मार कर हत्या कर दी
अभिषेक मलिक
नेहा मर्डर केस हरियाणा
बेटे ने लड़की बनने के लिए पूरे परिवार को गोली मार कर हत्या कर दी
Paragraph
Crime Rohtak Haryana Hatyakand
Paragraph
27 अगस्त 2001 को दोपहर 2:00 हरियाणा के रोहतक शहर के विजयनगर कॉलोनी में एक परिवार रहता था घर का इकलौता बेटा अभिषेक मलिक सुबह से बाहर था और घर पर फोन कर रहा था तो कोई भी घर का सदस्य फोन रिसीव नहीं कर रहा था तो इसे घर वालों की फिक्र होती है और तो वह अपने चाचा के घर कॉल करता है और बताता है कि घर पर कोई भी फोन नहीं उठा रहा है बहन का मोबाइल स्विच ऑफ है और मां का मोबाइल भी स्विच ऑफ है और पिताजी कॉल रिसीव नहीं कर रहे हैं आप जाकर देखें चाचा घर आते हैं तो में डोर बाहर से लॉक था ऐसा लग रहा था परिवार घर से बाहर गया हुआ है चाचा पड़ोसियों से जानकारी लेने जाते हैं कि शायद किसी को कुछ पता हो लेकिन कुछ पता नहीं चलता चाचा इधर-उधर पूछताछ कर ही रहे थे कि वक्त गुजर जाता है अभिषेक मलिक दोपहर 2:00 बजे अपने घर पर आता है चाचा अभी तक यही थे अभिषेक ने दरवाजे को खोलने की बहुत कोशिश की लेकिन दरवाजा नहीं खुला तोअभिषेक सिडी से चढ़कर फर्स्ट फ्लोर पर पहुंच जाता है सीधी घर के बाहर और में गेट के अंदर थी अभिषेक ने मामा को कॉल किया और सारी बात बताई तो मामा ने दरवाजा तोड़ने को कहा अभिषेक और उसके चाचा मिलकर काफी कोशिशो के बाद दरवाजा तोड़ देते हैं दरवाजा के अंदर इंट्री होते ही नेहा का रूम सामने था अभिषेक ने अंदर जो देखा उसकी चीखें निकल गई चीख सुनकर चाचा समेत पड़ोसी भी उसकी तरफ भागे तो देखा कि बेड पर बहन खून से लतपत पड़ी थी अभिषेक दूसरे कमरे की तरफ दौड़ा उसके पैरों के नीचे से जमीन निकल गई उसकी नानी और मां दोनों की लाश खून में भरी पड़ी थी नानी बेड पर थी मां फर्श पर पड़ी थी फिर सभी लोग मिलकर ग्राउंड फ्लोर का दरवाजा तोड़ते हैं तो एक रूम में अभिषेक के पिता प्रदीप मालिक की बॉडी पड़ी थी और बॉडी के पास काफी खून था इतनी देर में मामा भी घर आ गए थे अभिषेक बहुत दहाड़े मार मार कर रो रहा था और पुलिस को बुलाने के लिए मामा से कह रहा था मामा ने पुलिस को कॉल की फौरन पुलिस आ जाती है पुलिस एंबुलेंस बुलाती है और चारों बॉडी को अस्पताल भेज दिया जाता है अस्पताल में पता चलता है तीन लोगों की मृत्यु हो गई है लेकिन बहनअभी जिंदा है नेहा आईसीयू में भर्ती कर दी जाती है इन चारों लोगों को गोली मारी गई थी अभिषेक अनाथ हो गया था घर में कोई नहीं बचा था नेहा के बचने के चांस कम थे क्योंकि उसको सर पर गोली मारी गई थी दिनदहाड़े घनी बस्ती की एक कॉलोनी में चार लोगों को गोली मार कर हत्या कर दी जाती है और किसी को कानो कान खबर नहीं होती लेकिन इस बात से सभी पड़ोसी डरे हुए होते हैं पुलिस अपना काम शुरू करती है प्रदीप मालिक का फोन ले लेती है बंदूक की गोली के खोल भी उठा लेती है खोल पांच थे घर के आसपास जितने कैमरे थे सब चेक किया जाता है तीन लोगों का पोस्टमार्टम होता है यानी पिता मां और नानी तीन लोगों की मृत्यु हो चुकी थी उनका पोस्टमार्टम होता है बहन आईसीयू में उसका इलाज हो रहा था तीनों बॉडी का पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए दे दिया जाता है पृदीप मलिक और उसकी पत्नी का अतिंम संस्कार हरयाणा मे होता है अभिषेक की नानी को उसके मामा ले जाते हैं पुलिस को सीसीटीवी में कोई बाहरी व्यक्ति आता जाता नहीं दिखा पुलिस अभिषेक से पूछताछ करना चाहती थी लेकिन उसका रो-रो कर बुरा हाल था वह खुद को संभाल नहीं पा रहा था पुलिस ने पता लगाया कि क्या इस परिवार की किसी से दुश्मनी थी तो पड़ोसियों से और रिश्तेदारों से मालूम करने पर मालूम हुआ कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी पुलिस ने चोरी का मामला समझना चाहा लेकिन यह भी नहीं था दो दिन बाद नेहा की भी मृत्यु हो जाती है सभी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया कि उनके गोली मारी गई थी पिता के सर पर एक गोली और चेहरे पर एकगोली और तीनों लोगों के एक-एक गोली सर पर मारी गई थी पुलिस ने अभिषेक से बात की तो वह हर बार अलग बात बताता तो सब ने समझा यह इतना बड़ा हादसा है जो यह सहन नहीं कर पा रहा है 30 अगस्त को पुलिस अभिषेक से पूछताछ के लिए उसे पुलिस स्टेशन लाती है अभिषेक ने बताया कि 27 अगस्त को सब नियम यानी रूटिंग के मुताबिक सब उठाते हैं और 10:00 बजे नाश्ता करते हैं और 11:00 अभिषेक घर से अपने दोस्तों के पास चला गया क्योंकि दोस्तों ने पार्टी रखी थी पार्टी के बाद 1:00 बजे अपनी मां को फोन किया तो फोन स्विच ऑफ था फिर बहन को फोन किया तो उसका भी फोन स्विच ऑफ था पापा को फोन किया तो कॉल रिसीव नहीं हो रही थी तो इसने पड़ोस के चाचा को फोन किया और सारी कहानी बताई पुलिस ने सारी बातों को नोट किया और इसकी टाइमिंग की जांच की किस वक्त यह घर से निकाला और कब घर के अंदर आया पुलिस ने नोट किया कि अभिषेक की बात जीत का तरीका थोड़ा लड़कियों की तरह है पुलिस ने इस बात को पड़ोसियों से पूछा तो पता चला कि अभिषेक जी समलैंगिक है और इसी बात को लेकर घर पर कुछ विवादचल रहा था अब पुलिस अभिषेक के दोस्तों के बारे में पता लगती है तो पता चलता है कि सभी दोस्त आसपास के हैं सिर्फ एक दोस्त कार्तिक उत्तराखंड का है पता चला यह भी समलैंगिक है और अभिषेक का बॉयफ्रेंड है 1 में को पुलिस ने इस केस का खुलासा किया जिसको सुनकर सबके होश उड़ गए कोई भी इस बात पर यकीन नहीं कर पा रहा था कि अभिषेक ही अपने परिवार का कातिल है कहानी का दूसरा मोड यानी कहानी कुछ इस तरह से है कि हरियाणा के रोहतक जिले में एक मालिक कॉलोनी थी जिसके मुखिया प्रदीप मालिक थे इनका प्रॉपर्टी डीलिंग का कारोबार था हरियाणा से दिल्ली तक उनकी काफी पहचान थी बहुत अमीर थे उनके दो बच्चे थे बड़ा बेटा अभिषेक मलिक जो 20 साल का था और नेहा मालिक 18 साल की थी अभिषेक हरियाणा में 12वीं पास करता है उसके बाद दिल्ली की एक एयरलाइन कंपनी में बिन ग्रुप का कोर्स करता है फिर रोहतक में बीकॉम का कोर्स कर रहा था प्रदीप मालिक प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे इसीलिए सेल्फ डिफेंस के लिए एक बंदूक रखी थी और उसे अपनी पत्नी बेटी और बेटे को चलाना भी सिखाया था जब अभी शेख दिल्ली में पढ़ रहा था तो उसकी मुलाकात कार्तिक से हुई दोनों में दोस्ती हो गई ज्यादा टाइम साथ में बिताने लगे और एक दूसरे के बारे में जान गए कि यह दोनों जी हैं और दोनों में शारीरिक संबंध बनने लगे दिल्ली में कोर्स पूरा होने के बाद कार्तिक इसके घर भी आता जाता था अभिषेक ने इसे अपने अच्छे दोस्तों की तरह घर वालों से मिलाया और हफ्तों घर पर एक कमरे में रहते अभिषेक इस पर खूब पैसे उड़ता और लॉन्ग ड्राइव में जाता और होटल में कमरा लेकर यह दोनों साथ रहा करते हैं और मौज मस्ती किया करते हैं इन दोनों ने प्लान बनाया कि यह यूरोप जाकर सेटल हो जाएंगे अभिषेक ने सोचा इससे पहले इसे अपना जेंडर चेंज करना चाहिए इसने डॉक्टर से कंसर्ट किया पता चला हो जाएगा लेकिन ₹500000 लगेंगे अभिषेक इंतजार नहीं करना चाहता था उसने अपने पिता से बहाना बनाकर ₹500000 मांगे मां बाप ने पूछा तो कोई साफ वजह नहीं बता पाया अब पेरेंट्स पता लगते हैं तो सब पता चल जाता है कि यह लड़की बनना चाहता है तो पिता इसकी पिटाई कर देते हैं औरसमझते हैं कि यह सारी प्रॉपर्टी तुम दोनों भाई बहनों की है लेकिन अभिषेक को तो लड़की बना था जब यह बात नहीं मानता तो पिताजी ने धमकी दी अगर तुमने जेंडर चेंज कराया तो सारी प्रॉपर्टी बहन के नाम कर दूंगा माता-पिता ने पैसे देना गाड़ी देना सब कुछ बंद कर दिया यहां तक के अभिषेक का रोज का खर्चा भी बंद कर दिया जाता है मां ने अपनी मां को बुलाया ताकि अभिषेक को समझाएं यह नानी की बात बहुत मानता था अभिषेक अपनी बहन से बहुत नफरत करने लगा था क्योंकि माता-पिता उसे ज्यादा चाहने लगे थे 25 26 अगस्त को यह दोनों अभिषेक और उसका दोस्त साथ में होटल में रहते हैं 27 की सुबह 10:00 बजे अभिषेक अपने घर आता है सबके साथ नाश्ता करता है इसे पता था पिताजी बंदूक कहां रखते हैं अभिषेक ने बंदूक चोरी कर ली नाश्ते के बाद सब अपने काम में बिजी हो जाते हैं नानी ने अभी नाश्ता नहीं किया था अभिषेक की बहन नाश्ते के बाद अपने कमरे में चली जाती है अभिषेक उसके पीछे-पीछे कमरे में जाता है और टीवी चालू करके उसकी आवाज फुल कर देता है बहन कुछ समझ पाती उससे पहले ही अभिषेक उसके सर पर बंदूक लगाकर गोली चल देता है टीवी की आवाज इतनी ज्यादा थी की गोली की आवाज दब जाती है यहनानी को अपने रूम में बुलाता है और टीवी तेज करके बिल्कुल करीब बंदूक रखकर नानी को गोली मार देता है अभिषेक नीचे अपनी मां के पास आता है मां पूछती है नानी कहां है तो बताता है कि मेरे कमरे में है मां अपनी मां का नाश्ता लेकर अभिषेक के कमरे में पहुंचती हैं और वह जो देखी है उनकी हालत खराब हो जाती है जैसे वह पलटती हैं अभिषेक पीछे बिल्कुल करीब खड़ा होता है और वह तीसरी गोली चल देता है और सर पर गोली मार देता है अब अभिषेक पिता के कमरे में जाता है पिता फोन पर किसी से बातें कर रहे थे जैसे ही फोन कॉल करती है अभिषेक पिता के सर पर गोली मारता है और दूसरी गोली उनके चेहरे पर मरता है बंदूक को नाले में फेंकता है और अपने दोस्तों के साथ पार्टी मनाने चला जाता है
अभिषेक पुलिस कस्टडी में सिर्फ एक ही बात बार-बार कह कह रहा था कि उसे जेल में कार्तिक के साथ डाला जाए अभिषेक को कार्तिक के साथ ही रहना था अभिषेक को अपने किए पर जरा सा भी पछतावा नहीं था बल्कि वह कार्तिक को पाने के लिए परेशान था उसको मां-बाप के मरने का जरा भी दुख नहीं था जब कार्तिक से पूछताछ की गई तो उसने कहां की वह इसमें शामिल नहीं है और वह नहीं जानता था कि अभिषेक ऐसा करेगा.


Comments
Post a Comment