Crime Mumbai Mira road कुकर कांड की पूरी कहानी हिंदी, लड़की के छोटे-छोटे टुकड़े करके कुकर में उबाला

 Crime Mumbai Mira road 

लड़की को काटकर छोटे-छोटे टुकड़े करके कुकर में पकाया  और कुत्तों को खिला दिया




 1 - कुकर कांड

लड़की को काटकर छोटे-छोटे टुकड़े करके कुकर में पकाया गया
मुंबई एक ऐसी जगह जहां दिन-रात चहल-पहल रहती है जहां घर और रूम इतने छोटे होते हैं कि एक दूसरे की आवाज़ मिलती रहती हैं हम यह नहीं कह सकते हैं कि क्राइम करने के लिए सन्नाटे की जरूरत होती है शायद हम लोग गलत हैं क्योंकि जब किसी के सर पर बदला लेने या करने का भूत सवार होता है तो वह जगह मकान नहीं देखा बल्कि अपने काम को अंजाम तक पहुंचना है इसी तरह का एक ऐसा कैसे जो रोंगटे खड़े कर दे
मीरा रोड सोसाइटी
कहानी की शुरुआत यहां से होती है कि मुंबई के मीरा रोड थाने में एक समिति है फ्लैट नंबर 704 में एक औरत रहती है जिसकी उम्र लगभग 34 वर्ष लगती थी उसी के साथ एक आदमी रहता है जिसकी उम्र 56 वर्ष थी सभी सोसाइटी के लोग उन्हें पति-पत्नी समझते थे।

 2 - फ्लैट नंबर 704

एक दिन फ्लैट नंबर 703 में बहुत अजीब सी बदबू आ रही थी तो उन्होंने फ्लैट नंबर 702 701 हर फ्लैट में पता लगाया पर कुछ बताना चला 704 के दरवाजे के पास गया तो यह बदबू बहुत तेज हो गई
पूरी सोसाइटी में यह खबर फैल गई की 704 से बहुत बदबू आ रही है तमाम लोग ने मिलकर पुलिस को खबर दी
पुलिस ने दरवाजा खोला दरवाजा दरवाजे पर बाहर से लॉक लगा हुआ था पुलिस ने लॉक तोड़कर अंदर दाखिल हुए और सारे घर की तलाशी शुरू कर दी फ्रीज में कुछ नहीं था बेडरूम बिल्कुल क्लीन था कहीं पर किसी चीज के निशान भी नहीं थे पुलिस किचन में गई।

3 - किचन में मिले जिस्म के टुकड़े

जब पुलिस ने किचन में इंटर होना चाह तो बदबू और तेज हो गई अब सब ने नाक में कपड़ा लगा कर किचन की तलाशी शुरू की किचन के अंदर दो बाल्टी जिसमें पानी भरा था कुछ मांस के छोटे-छोटे टुकड़े बाल्टी में पड़े थे साइड में एक दवा और दो चम्मच पड़े थे देखने पर लगा की दवा में कुछ मांस के टुकड़ों को भुना गया है और चम्मच में भी कुछ टुकड़े फंसे थे और तब में पर थे लेकिन सब छोटे-छोटे टुकड़ों में सब का रंग बदला हुआ ऐसा मालूम होता था जैसे कई दिन से यह काम चल रहा था यानी कत्ल को कई दिन पहले अंजाम दिया गया था।

4 - कुकर में टुकड़ों को पकाया गया था

अब कुकर खोला तो उसमें उबले हुए मांस के टुकड़े मिले जब तलाशी बढ़ाई गई बालों की एक छोटी मिली जैसे किसी महिला की होती है यह सब देखकर पुलिस भी हैरान थी और आसपास के लोग भी बहुत ज्यादा डरे हुए थे फिर मनोज क्यों तलाश किया जाता है
इसी बीच मनोज घर वापस आ रहा था जब उसने पुलिस की गाड़ियों को देखा तो वहां से वह भाग निकला मनोज को पुलिस तलाश कर रही थी मनोज की तलाश जारी थी 57 वर्ष मनोज इधर-उधर भगत रहा लेकिन पुलिस ने उसे एक दिन हिरासत में ले लिया उसने पहले झूठी कहानी बनाई लेकिन पुलिस ने आखिर सच उगलवा ही लिया।

5 - मनोज ने सच्चाई बताई

मनोज ने बताया कि उसने आईआईटी की थी उसने बताया कि एक बार उसका एक्सीडेंट हुआ था उसमें उसे ब्लड चढ़ाया गया था कुछ दिनों बाद उसे पता चला कि उसे एचआईवी पॉजिटिव है शायद यह इस ब्लड की वजह से हुआ था इस घटना के बाद मनोज बहुत दुखी रहने लगा उसने इलाज में अपना सब कुछ बेच दिया और पूरी तरह बर्बाद हो गया मनोज भूखे मरने लगा मनोज के पास कोई कामकाज नहीं था ना नौकरी थी ना ही घर था इन परिस्थितियों में मनोज ने एक दुकान में 5000 की नौकरी की जो राशन की दुकान थी राशन की दुकान में वह सामान देता और महीने में उसे 5000 मिल जाते हैं जिससे उसकी बहुत मुश्किलों से गुजारा होता।

6 - मनोज की मुलाकात लड़की से

उसी दुकान में एक लड़की राशन लेने आई अक्सर दोनों में बातचीत हो जाती बराबर बातचीत बढ़ती गई और एक दिन दोनों में धीरे-धीरे प्यार जाग उठा लड़की का नाम सरस्वती था इसकी उम्र 34 वर्ष थी जबकि मनोज की उम्र 56 वर्ष की थी।

7 - मनोज और सरस्वती लिविंग में रहते थे

मनोज और सरस्वती दोनों ने मिलकर फ्लैट लिया और एक साथ रहने लगे वहां के लोग इन दोनों को पति-पत्नी समझते थे यह दोनों ज्यादा किसी से बातचीत नहीं करते थे ना किसी से मिलते जुलते थे ताकि किसी को पता ना चले एक दिन अचानक राशन की दुकान बंद हो गई मनोज बेरोजगार हो गया और मेली डिस्टर्ब रहने लगा पैसे ना होने की वजह से आपस में लड़ाई झगड़ा शुरू हो गए यह शराब भी पीने लगा टेंशन की वजह से नशे में धुत रहने की कोशिश करता रात को देर से वापस आता तो सरस्वती को उसे पर शक होता इस वजह से दोनों में लड़ाई शुरू हो गई यह लड़ाई दिन प्रतिदिन बढ़ती ही गई और एक दिन इस लड़ाई ने ऐसा खतरनाक रूप लिया कि इसने इतने बड़े कारनामे को अंजाम दिया।

8 - शरीर के छोटे-छोटे टुकड़े करके उन्हें उबाला

उसे दिन लड़ाई में मनोज ने खतरनाक रूप ले लिया कि सरस्वती को इतना मारा की कत्ल कर डाला और उसके सारे शरीर के छोटे-छोटे टुकड़े करके उन्हें उबलता और फिर चला और फ्री करता और करके रोज थोड़े-थोड़े टुकड़े पानी में ले जाकर कभी कुत्तों के सामने डाल देता कभी दूसरी जगह पर फेंक देता इस तरह से मनोज ने इस घटना को अंजाम तक पहुंचाने की पूरी सफाई से कोशिश की लेकिन मनोज शायद यह भूल गया था कि हर बुराई का अंजाम बुरा ही होता है और साजिश और कत्ल करने वाला एक न एक दिन पकड़ा ही जाता है दोस्तों सरस्वती को इतनी बेरहमी से कत्ल करने वाले को सजा जरुर मिलनी चाहिए।




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