Ghar Par Shadi Thi Beton Ne Kaha Maa ke Shaw Ko Frizz me Rakh Do (CrimeUtterPradesh)
घर पर शादी थी बेटों ने कहा मां के शव को फ्रीजर में रख दो
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उत्तर प्रदेश की सच्ची घटना
घर पर शादी थी बेटों ने कहा मां के शव को फ्रीजर में रख दो
यह आर्टिकल एक सच्ची घटना पर आधारित है इसमें लिखा गया है की एक पति पत्नी के छह बच्चे होते हैं पति पत्नी कर्जदार हो जाते हैं 6 में से कोई भी उनके साथ नहीं देता वह दोनों वृद्ध आश्रम चले जाते हैं जहां पर पत्नी की मृत्यु हो जाती है बच्चों को कॉल किया जाता है तो बच्चे कहते हैं कि मेरे बेटे की शादी है तो हम अंतिम संस्कार नहीं कर सकते लेकिन शो को मंगा लेते हैं और फ्रिज में रखने के लिए राजी हो जाते हैं फिर सबके मशवरे से मिट्टी के नीचे दफन कर देते हैं और लोग कहते हैं शादी हो गई अंतिम संस्कार कर दो बेटे फिर कहते हैं कि 15 दिन के बाद एक शादी और है उसके बाद शव का अंतिम संस्कार कर देंगे।
Paragraph
उत्तर प्रदेश के जिला जौनपुर में एक वृद्ध आश्रम है जिसका नाम विकास समिति है
यहां के रहने वाले रवि नामक एक व्यक्ति जिन्होंने 196 किलोमीटर दूर गोरखपुर के एक गांव में फोन किया और पूछा क्या आप शोभा देवी के बेटे बोल रहे हैं दूसरी तरफ से जवाब आता है हां मैं शोभा देवी का बेटा ही बोल रहा हूं क्या बात है बताएं रवि कहते हैं तुम्हारी मां की बहुत ज्यादा तबीयत खराब थी उनका देहांत हो गया है आप उनकी लाश ले जो दूसरी तरफ से बेटा कहता है मुझे 10 मिनट का समय चाहिए मैं 10 मिनट के बाद आपसे बात करता हूं वृद्ध आश्रम से रवि दंग रह जाता है कि अभी भी 10 मिनट चाहिए वृद्ध आश्रम के सारे लोग दंग रह जाते हैं कि बेटे ने मां के देहांत की खबर सुन ली तब भी उसे 10 मिनट चाहिए क्योंकि शोभा देवी के तीन बेटे तीन बेटियां थी उधर छोटा बेटा बड़े भाई के पास जाता है और बताता है की मां का देहांत हो गया है अब बड़ा भाई अपने सर को पकड़ लेता है क्योंकि 2 दिन बाद उसके बेटे की शादी थी 23 नवंबर 2025 को बेटे की शादी थी इसके मुताबिक मां को अभी नहीं मारना चाहिए था क्योंकि उनकी खुशियों में बाधा आ गई थी घर पर रिश्तेदार आ चुके थे घर भरा हुआ था भाइयों ने मिलकर मशवरा किया कि क्या किया जाए तो किसी ने कहा कि डीप फ्रीजर में लाश रखना ताकि शादी हो जाए तीन-चार दिन बाद अंतिम संस्कार कर देंगे और किसी को पता भी नहीं चलेगा।
घर पर शादी थी बेटों ने कहा मां के शव को फ्रीजर में रख दो
उधर वृद्ध आश्रम में सभी सोचने वालों की काफी देर हो गई फोन नहीं आया तो रवि ने दोबारा फोन किया के क्या आप अपनी माता को ले जाना चाहते हैं या नहीं घर पर बात फैल जाती है तो रिश्तेदार रहते हैं की लाश मंगा लेना चाहिए तो बेटे रवि से कहते हैं कोई गाड़ी कर दें जिससे यहां तक लाश आ जाए तो रवि गाड़ी करता है गाड़ी का ड्राइवर 6000 लेने के लिए कहता है 6000 में गाड़ी शोभा देवी को जिनकी उम्र 65 साल थी उनकी बॉडी उनके घर ले आती है शो घर आने के बाद लोग कहते हैं घर पर शादी है और शादी से पहले अंतिम संस्कार नहीं करना चाहिए लाश को नदी के किनारे दफना देते हैं जब शादी हो जाएगी तो पूरी रीती रिवाज के साथ लाश निकालकर अंतिम संस्कार कर देंगे सब बेटे बेटियां रिश्तेदार इस बात को मान जाते हैं तीन दिन बाद शादी हो जाती है तो लोग कहते हैं अब अंतिम संस्कार कर दिया जाए तो बेटे कहते हैं कि अभी 15 दिन बाद एक और शादी है उसके बाद अंतिम संस्कार करेंगे कहानी ऐसी है कि शोभा देवी और उनके पति का एक किराना स्टोर था शोभा देवी हाउसवाइफ थी और समूह से जुड़ी थी इसी तरह जिंदगी चलती रहती है लेकिन शोभा देवी को पता नहीं चलता और वह कई लाख के कर्ज में डूब जाती हैं दोनों पति-पत्नी सभी बच्चों से कहते हैं कि मेरा कर्ज अदा करवा दें यानि सब मिलकर थोड़ा-थोड़ा जमा करके मेरी मदद कर दें ताकि मेरा कर्ज अदा हो जाए सब बच्चे इनकार कर देते हैं बड़ा बेटा बाप की दुकान पर पहले ही कब्जा कर चुका था दूसरा बेटा गाड़ी चलाता था और छोटा बेटा मसाले की फेरी करता था जब पति-पत्नी बहुत परेशान हो गए और किसी ने मदद ना की तो वह दोनों गंगा घाट पर चले गए शायद वह दोनों मरना चाहते थे खुद को मारना इतना आसान नहीं होता है वह दोनों बैठे थे और रो रहे थे बहुत ज्यादा परेशान थे उनकी रोती बिलखती आंखों को और परेशानी को देखकर एक लड़का उनके पास आता है उनके पास आता है और कहता है कि अगर आप परेशान हैं तो वृद्ध आश्रम चले जाइए वहां आपको खाना दवा सब मिलेगा यह सुनकर शोभा देवी उनके पति श्रद्धा आश्रम चले गए और वहीं रहने लगे यह लोग वहां पहुंचकर इन लोगों ने अपनी असली सच्चाई नहीं बताई थी कि इन लोगों पर इतना कर्जा है इन लोगों ने सिर्फ अपनी पीड़ा बताई थी वृद्ध आश्रम वालों ने इन्हें रखा और उनकी पूरी मदद की ।
घर पर शादी थी बेटों ने कहा मां के शव को फ्रीजर में रख दो
इस सच्ची घटना से यह सीख मिलती है कि आजकल के माता-पिता को अपने लिए भी कुछ जमा पूंजी अलग छुपा कर रखनी चाहिए क्योंकि पता नहीं औलाद काम आए या ना आए जब तक मां-बाप के पास पैसे होते हैं सारी औलादे मां-बाप से मोहब्बत करती हैं और उनके साथ रहती हैं लेकिन जब वह बूढ़े हो जाते हैं और किसी काम के नहीं रह जाते हैं तो सब माता-पिता का साथ छोड़कर दूर चले जाते हैं और उन्हें यह तक ख्याल नहीं आता की माता-पिता किस हाल में होंगे।

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