Maa Baap ke Khilaf Jakar Premi Jode ne Faesla Kiya ( Real Story ) Crime Utter Pradesh
मां-बाप के खिलाफ जाकर प्रेमी जोड़े ने फैसला किया
Crime UtterPradesh
Maa Baap ke Khilaf Jakar Premi Jode ne Faesla Kiya ( Real Story )
इस आर्टिकल में यह बताया गया है कि गांव के एक लड़का और लड़की को मोहब्बत हो जाती है और वह दोनों शादी करना चाहते हैं लेकिन उनके घर वाले इस बात से राजी नहीं होते हैं और उनके घर वालों ने किस तरह से उन दोनों को कत्ल कर दिया और दोनों के शौक को छुपाने की पूरी कोशिश की लेकिन लेकिन वह लोग पकड़े जाते हैं इसीलिए हम लोगों को चाहिए कि कानून को अपने हाथ में ना लें अगर ऐसी कोई बात हो तो पुलिस प्रशासन से मदद ले
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उत्तर प्रदेश के बरेली में फतेहगंज थाना क्षेत्र में लोधी नगर में वीरपाल मौर्य का घर है जो एक किसान है वीरपाल की चार बेटियां हैं सबसे छोटी बेटी इसका नाम सुनीता है इसकी उम्र 17 साल है जो अपने ही इलाके के हाई स्कूल में पढ़ती है वीरपाल की एक भी बेटी की शादी नहीं हुई है सुनीता को अपने ही पड़ोस में रहने वाले दीपक से प्रेम हो जाता है जिसकी उम्र 20 साल है दीपक के पिता का नाम कांता प्रसाद मौर्य है जो मजदूरी का काम करते हैं दीपक भी दो भाई हैं दीपक छोटा बेटा है वीरपाल और कांता प्रसाद अच्छे दोस्त थे और तालमेल भी था घर आना-जाना भी था सुनीता और दीपक का प्रेम बहुत आगे निकल जाता है और दोनों शादी करने का फैसला भी कर लेते हैं दीपक सुनीता से कहता है कि जब तक हमें नौकरी नहीं मिल जाती तब तक हम घर वालों को कुछ नहीं बताएंगे ना ही शादी करेंगे उसे समय बिताने के बाद यह बात सुनीता के पिता को पता चल जाती है कि सुनीता का दीपक से प्रेम प्रसंग चल रहा है ।
सुनीता के पिता बहुत मारते हैं
तो वह अपनी बेटी को बहुत मारते हैं इतना मरते हैं कि सुनीता की यह सहन नहीं कर पा रही थी तो सुनीता की मां अपने पति के सामने हाथ जोड़कर खड़ी हो जाती हैं और कहती हैं कि अब यह ऐसा नहीं करेगी इसकी आखरी गलती समझ कर माफ कर दें वीरपाल गुस्से में सीधे दीपक के घर जाता है और उसके पिता से शिकायत करता है और कहता है इसे समझा ले वरना बहुत बुरा होगा दीपक के पिता दीपक को बहुत समझते हैं लेकिन दीपक अपने पिता की कोई बात नहीं मानता यह चोरी चोरी सुनीता से मिलने की कोशिश करता रहता है सुनीता के चाचा दीपक को समझने जाते हैं और बात के दौरान दीपक को एक थप्पड़ मार देते हैं।
सुनीता के चाचा की पिटाई
इस बात से गुस्सा आए दीपक ने कुछ दोस्तों को जमा किया और चाचा की पिटाई कर दी घर के लोग इस बात फैसले से डर रहे थे दीपक की लड़ाई से पूरे गांव में चर्चा हो जाती है सुनीता के चाचा थाने में दीपक और उसके दोस्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर देते हैं लेकिन पुलिस कुछ एक्शन नहीं लेती है तो यह लोग पंचायत बैठे हैं तो पंचायत में यह फैसला होता है कि दीपक सुनीता से कभी नहीं मिलेगा लेकिन दीपक भरी पंचायत में कहता है कि मैं सुनीता को कभी नहीं छोडूंगा मैं सुनीता से शादी करना चाहता हूं यह सुनते ही दीपक के पिता दीपक की पिटाई कर देते हैं और उसे जबरदस्ती दिल्ली भेज देते हैं दीपक कुछ दिन दिल्ली में रहता है उसे वहां बेचैनी होती रहती है और वह वापस गांव आ जाता है सुनीता के घर वालों ने उसका घर से निकलना घर के बाहर काम करना बंद कर दिया था जिससे दीपक और सुनीता की मुलाकात नहीं हो पा रही थी इसी बीच दीपक के दोस्त के घर बेटी होती है इसका नामकरण करने के लिए दावत होती है ।
दोस्त के घर सब की दावत
24 मार्च 2025 को सोनू के घर दीपक दावत खाने जाता है जहां सुनीता भी होती है सुनीता के पिता दीपक को देख लेते हैं और सुनीता को ढूंढते हैं पर सुनीता वहां नहीं होती अब दीपक के घर वाले दीपक को ढूंढते हैं लेकिन वह भी नहीं मिलता रात बीत जाती दोनों का कोई पता नहीं चलता 25 मार्च 2025 को सुनीता के पिता पुलिस कंप्लेंन करते हैं कि दीपक मेरी बेटी भाग ले गया है इस कंप्लेंट के बाद दीपक के घर वाले खाने में कंप्लेंट करते हैं कि इन लोगों ने मेरे बेटे का को गायब कर दिया है अपहरण कर लिया है पुलिस इन दोनों को ढूंढते हैं लेकिन इनका कोई सुराग नहीं मिलता।
सुनीता की डेड बॉडी
6 अप्रैल 2025 गांव के एक तालाब में एक बोरी मिलती है इसमें कोई डेड बॉडी लग रही थी लोगों ने तुरंत पुलिस को खबर दी जाती पुलिस आती है और बोरी खोलती है तो उसमें सुनीता का शव निकलता है यह देखकर सुनीता के घर वाले रोने तड़पने लगते हैं और दीपक के ऊपर इल्जाम लगाते हैं अब पुलिस दीपक को ढूंढना शुरू करती है दीपक नहीं मिलता है तो पुलिस आगे जांच शुरू करती है सुनीता की बॉडी के साथ बोरी में बड़ी-बड़ी ईटें भरी थी उन ईटों के जरिए पुलिस अपनी जांच आगे बढ़ाती है और सुनीता के घर जाती है जहां घर के बाहर ही जो ईंटों का चट्टा लगा था वह इसी एट से था और घर के अंदर बोरियों में धान भरे थे वह इस बोरी में थे जिससे पुलिस समझ जाती है कि यह सुनीता के घर वालों का काम है 8 अप्रैल 2025 को पुलिस सुनीता के पिता को गिरफ्तार करके ले जाती है और शक्ति से पूछता है काफी देर बाद यह अपना गुनाह स्वीकार कर लेते हैं सुनीता के पिता बताते हैं ।
मां बाप के खिलाफ जाकर प्रेमी जोड़े ने फैसला किया
जब सोनू की बच्ची का नामकरण था वहां दीपक सुनीता जब आमने-सामने आते हैं तो दीपक सुनीता से बाहर मिलने का इशारा करता है और सब की नजरों से बचकर यह दोनों बाहर चले जाते हैं थोड़ी देर बाद सुनीता के पिता और चाचा ढूंढते हुए खेतों में जाते हैं जहां यह दोनों आपत्तिजनक स्थिति में मिलते हैं तो पिता और चाचा मिलकर दीपक को इतना मरते हैं कि दीपक की मौके पर ही मृत्यु हो जाती है सुनीता यह सब खड़ी देख रही थी गुस्से में चिल्लाती है चिल्लाकर रहती है कि मैं पुलिस को सब बता दूंगी के तुमने मेरे प्रेमी को मारा है यह सुनकर दोनों लोग मिलकर सुनीता का गला दबा देते हैं ।
शव को ठिकाने लगते हैं
यह दोनों 2 शव को देखकर घबरा जाते हैं कि कैसे ठिकाने लगाए यह अपने दोस्त को कॉल करते हैं तो वह अपने दो दोस्तों के साथ आते हैं और लाश को ठिकाने लगते हैं सुनीता के शव को एक बोरी में भरकर और उसमें कई ईटें डालकर तालाब में फेंक देते हैं ताकि शॉप डूब जाए और दीपक के शव को बोरी में भरकर पास के नदी में डालने जाते हैं तो देखते हैं उसमें पानी कम है तो खुदाई करके उसे दफन कर देते हैं यह सब कुबूल करते हैं दीपक की डेड बॉडी निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दी जाती है पुलिस सभी आरोपियों को हिरासत मैं ले लेती है।
दोस्तों इस प्रकार की कहानी रोज बढ़ती जा रही हैं हम सबको चाहिए कि अपने बच्चों का ध्यान रखें उनका पालन पोषण अच्छी तरह करें उनके ख्याल रखें और उन्हें अच्छे बुरे की तमीज सिखाएं ताकि हमारे बच्चे ऐसे गलत कामों से बचे रहें गुस्से मे दिमाग से कम करें आप पैसे बाहर होकर गलत काम को अंजाम तक ना पहुंचाएं नहीं तो इसका नतीजा भुगतना पड़ सकता है

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